एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी आने वाले महीनों में नेविगेशन, वाणिज्यिक, सूर्य और अन्य मिशनों सहित एक व्यस्त प्रक्षेपण कार्यक्रम कर रही है।
यहां संवाददाताओं से बात करते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने आने वाले महीनों में विभिन्न उपग्रहों के साथ अपने सभी रॉकेट उड़ाने की योजना तैयार की है। रॉकेट हैं: पोलर
सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV), जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल Mk (GSLV), LVM3 या GSLV MkIII और स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV)।
सोमनाथ ने कहा कि अगले साल वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने दो लॉन्च का अनुबंध किया है।
उनमें से एक यूके स्थित उपग्रह संचार कंपनी वनवेब के लिए 36 उपग्रहों के दूसरे बैच की परिक्रमा के लिए होगा।
हाल ही में 36 उपग्रहों का पहला बैच सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
यूके की कंपनी ने दोनों लॉन्च के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के लिए NSIL के साथ अनुबंध किया है।
वनवेब भारत भारती ग्लोबल और यूके सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
सोमनाथ ने कहा कि इसरो अगले साल पीएसएलवी रॉकेट के साथ सौर वातावरण का अध्ययन करने के लिए एक कोरोनोग्राफी अंतरिक्ष यान, अपने उपग्रह आदित्य-एल1 के साथ सूर्य के लिए अपने मिशन की भी योजना बना रहा है।
इसरो के अनुसार, अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लाग्रेंज बिंदु, L1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। L1 बिंदु के चारों ओर एक उपग्रह को सूर्य को बिना किसी ग्रहण/ग्रहण के लगातार देखने का प्रमुख लाभ है।
सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी देश के एनएवीआईसी तारामंडल के लिए एक नेविगेशन उपग्रह लॉन्च करेगी।
सोमनाथ ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एनएवीआईसी तारामंडल के लिए आठ उपग्रहों की परिक्रमा की है, जिनमें से कुछ काम नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसरो ने चार नाविक उपग्रह लॉन्च करने की योजना बनाई है और पहला 2023 में ऊपर जाएगा।
सोमनाथ के मुताबिक अंतरिक्ष एजेंसी अपना छोटा रॉकेट- एसएसएलवी भी भेजेगा।
इस वर्ष रॉकेट का पहला मिशन असफल रहा। सोमनाथ ने कहा कि रॉकेट में आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई की गई है।