रक्षा क्षेत्र में ‘मेक-इन-इंडिया’ की दिशा में एक प्रमुख कदम उठाते हुए, रक्षा मंत्रालय को भारतीय सेना से चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर तैनाती के लिए 307 एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) खरीदने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। भारतीय सेना से 1 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का प्रस्ताव प्राप्त हो गया है और इस पर चर्चा चल रही है। रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि इसे जल्द ही मंजूरी मिलने और सुरक्षा पर कैबिनेट समिति द्वारा मंजूरी के लिए भेजे जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि स्वदेशी हॉवित्जर के लिए यह पहला ऑर्डर होगा, जो करीब 50 किलोमीटर दूर तक निशाना साध सकता है और माना जाता है कि यह अपनी श्रेणी में सबसे अच्छी तोप है। सेना विभिन्न ऊंचाई और इलाकों में गन का परीक्षण कर रही है।
अधिकारियों ने कहा कि यूजर द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार उन्हें अपग्रेड किया गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा दो निजी फर्मों Tata Advanced Systems और Bharat Forge Group के साथ रॉ होवित्जर की तकनीक और जानकारी साझा की गई है और वे 320 से हाई मोबिलिटी व्हीकल्स सहित बलों को सिस्टम की आपूर्ति करेंगे। पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज (PFFR) में 26 अप्रैल से 2 मई के बीच 155mm/52 कैलिबर एडवांस्ड टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) का परीक्षण पूरा किया गया।
ATAGS भारतीय सेना के तोपखाने आधुनिकीकरण कार्यक्रम के एक भाग के रूप में DRDO द्वारा मिशन मोड में शुरू की गई एक स्वदेशी टोड आर्टिलरी गन सिस्टम परियोजना है। आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (एआरडीई) पुणे डिजाइन के लिए डीआरडीओ की नोडल प्रयोगशाला है
इसके डेवलपमेंट के लिए दो उद्योग भागीदारों, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और भारत फोर्ज लिमिटेड के साथ-साथ अन्य उद्योगों की सक्रिय भागीदारी के साथ किया गया है। बर्स्ट, सघन समेत विभिन्न जोन में कई राउंड फायरिंग कर दोनों तोपों की विश्वसनीयता साबित हुई है