फ्रांस डसॉल्ट राफेल लड़ाकू विमान और उसके ऑपरेटरों को ऐसी क्षमता से लैस करने की योजना बना रहा है जो हाइपरसोनिक एयर लॉन्च क्रूज मिसाइलों लॉच करने के साथ दुश्मन के हवाई बचाव (एसईएडी) यानी की शील्ड की तरह काम करे /दुश्मन के हवाई बचाव (डीईएडी) के उस पर अटैक कर सके, जो एफ5 (फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट) विमानों के लिए निर्धारित किया जाएगा।

फ्रांस पहले से ही F-4 मानक राफेल पर काम कर रहा है जो भारत के लिए प्रस्ताव पर हैं जो मीका नेक्स्ट-जेनरेशन (NG) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और 1,000 किलोग्राम सेजम आर्मेमेंट एयर-सोल मॉड्यूलेयर (एएएसएम) मॉड्यूलर एयर-टू-ग्राउंड सटीक हथियार जैसे नए हथियार ले जाने की क्षमता रखते हैं।

फ्रेंच-विकसित हाइपरसोनिक एयर लॉन्च क्रूज मिसाइलों को शुरू में एफ-5 स्टैण्डर्ड राफेल पर पेश किया जाएगा, लेकिन वे पिछड़े कम्पेटिबल होंगे इसलिए आईएएफ द्वारा खरीदे गए राफेल 3एफआर और एमआरएफए टेंडर के तहत खरीदे जा सकने वाले एफ-4 मानक इसे तैयार होने पर प्राप्त करेंगे।

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